एक सच्ची प्रेम कहानी जिसे सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी तो दोस्तों इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें
एक गांव है "चानो" इस गांव में एक स्कूल है 12वीं क्लास तक. लेकिन 5 years पहले दसवीं क्लास तक रहा करती थी
इस स्कूल में इसी गांव से दो अलग-अलग टोला बसरियाटांड और झापाटांड़ से एक लड़की खुशबू और एक लड़का संतोष दोनों पढ़ने आते थे
लड़की 9th में थी और लड़का 10th क्लास में था लड़की जब पढ़ने आती तो लड़के को देखकर प्यारी सी स्माइल देकर अंदर क्लास चली जाती है और अटेंडेंस बनाने के बाद जब टीचर क्लास से चले जाते हैं तब ये लड़की स्कूल से भाग जाया करती थी
एक दिन जब गर्मियों का मौसम चल रहा था तभी इसी तरह अटेंडेंस बना कर लड़की school से भाग रही थी तभी लड़का भी शौचालय जाने के लिए अपने क्लास से बाहर निकला और आगे शौचालय की तरफ जाते ही उस लड़की को उस लड़के ने देखा लड़की को देखकर ऐसा लगा जैसे पिछले जन्म से ही हम दोनों का रिश्ता हो और फिर तभी उस लड़के ने अपने दिल से पूछा क्या यह लड़की मुझे प्यार करती है अगर हां तो ये लड़की पलटकर जरूर देखेगी और तभी तुरंत लड़की भी पलट गई लड़का खुश हो उठा
तब भी लड़की आगे बढ़ी और लड़का शौचालय के और आगे बढ़ा और सोचा क्यों ना एक बार फिर देख ले लड़का लड़की को देखने के लिए जैसे ही मुड़ा ठीक उसी time वह लड़की भी मुड़ गई
लड़का देखकर इतना खुश हुवा की उसका खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा और उसने ठान लिया कि किसी भी तरह से इसे पटाना है और अपनी जीवनसाथी बनाना है
फिर इसी तरह देखा देखी मैं कुछ महीने निकल गए और फिर लड़का का मैट्रिक्स परीक्षा का तैयारी करने के लिए लड़का बिष्णुगढ़ चला गया और वहां रूम लेकर रहने लगा अब लड़के को लगने लगा कि अब वह लड़की नहीं मिल पाएगी
लेकिन लड़के ने हार नहीं मानी और किसी थोड़ा इधर उधर से बात करने के लिए उसके दीदी का मोबाइल नंबर निकाला और कॉल किया
कॉल करने के बाद बताया कि हम संतोष बोल रहे हैं खुशबू से बात करनी है लेकिन उसके दीदी ने बात नहीं कराई कुछ दिनों तक बार-बार परेशान करने पर उसकी दीदी ने खुशबू से बोल दिया कि एक लड़का तुमसे बात करने चाहता है
फिर लड़की सोचने लगी कि ऐसा कौन सा लड़का हो सकता है जो मुझसे बात करना चाहता है
अब संयोग का खेल देखिए एक दिन वह लड़का बिष्णुगढ़ से कोचिंग से छुट्टी मांग कर अपने दोस्तों के साथ घर जा रहा था और घर आने के लिए एक टेंपो पकड़ा और तभी वह लड़की खुशबू दिखी
जिस गाड़ी में वह लड़का बैठा था लड़का उस लड़की को देखकर खुश हो उठा और अपने दोस्तों को बताया
दोस्तों को बताने के बाद पता चला कि वह लड़की कुछ सरकारी काम के कारण बिष्णुगढ़ ब्लॉक आई थी पर लड़के को इससे का करना चलो लड़की तो आई
तभी गाड़ी चलने लगी और आगे बनासो में hotel के पास जाकर रुकी तभी वह लड़की बाहर निकली और उस लड़के को देखी शायद वह जान गई यह वही लड़का है जिसने मेरी दीदी के पास कॉल किया था
और होटल से कुछ सामान खरीद कर लड़की गाड़ी में फिर भी बैठ गई और कुछ देर बाद गाड़ी चलने लगी
अब वह लड़की सोची क्यों ना इस लड़के का नंबर लिया जाए और मिलाया जाए कि वही नंबर है या दूसरा कोई नंबर से जिससे कॉल आया था
जगह ना होने के कारण लड़का गाड़ी के छत के ऊपर बैठा था और लड़की नीचे वाली सीट में बैठी थी जिससे लड़की को नंबर मांगने में परेशानी हो रही थी लेकिन फिर भी लड़की ने चलती गाड़ी में उठकर गाड़ी के ऊपर हाथ से जोर से मारी
लेकिन जिस जगह लड़की ने हाथ मारी उस जगह मेरा दोस्त रूपलाल बैठा था हाथ पडते ही रुपलाल डर गया और बोला यरे कौन निचे से मरती है और वहां से उठकर मेरी जगह आ गया मैं समझ गया कि शायद वही लड़की है
तो फिर में उठकर रूपलाल के जगह में बैठ गया तभी दोबारा फिर हाथ मारी तभी मैंने झुककर नीचे देखा और पूछा क्या है क्यों मार रही हो तो उस लड़की ने बोली तुम्हारा नंबर दो
तो मैंने नंबर देने के लिए सभी से पूछा किसी के पास कागज कलम है कलम तो था लेकिन कागज नहीं थी तो मैंने सोचा क्यों ना ₹10 के नोट में लिख कर दूं
और मैंने ₹10 की नोट निकाला अपना मोबाइल नंबर लिखा और उस लड़की को दे दिया फिर कुछ समय बाद चानो का स्कूल आ गया
और वह लड़की उतर गई और मेरे तरफ देखने लगी और जाने लगे तभी मैं भी ऊपर से उतर गया और नीचे वाली सीट पर बैठ गया और उसे देखा फिर मुस्करा दिया तभी गाड़ी फिर चल पड़ी और मैं घर आ गया
तो दोस्तों अभी यह कहानी अधूरी से भी अधूरी है इसकी अगली आर्टिकल में बताऊंगा इन दोनों की पूरी कहानी तब तक के लिए धन्यवाद पसंद आया हो तो comment जरुर करें


